Dhan nirankari ji
।। ग्वालियर के संत निरंकारी संत समागम में ।। परम आदरणीय जगत जी ने सुंदर गीत रचना की औंर समागम की शोभा बढ़ाई ।।
लेखक:परम आदरणीय -जगत जी
गीतकार:परम आदरणीय -जगत जी
प्रदर्शित: निरंकारी मिशन द्वारा
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धन निरंकार जी |
मिशन मेरे संदगुरु का ,फैला है फैलेगा ।
ये ऐसा है सिलसीला , जो रुका ना कभी रुकेगा ।
ये औंर बडेगा ......(४)। ।।धृ।।
बाबा बुटा ने था एक बुटा लगाया ।
गुरु अवतार ने ये प्यार सा बाग सजाया ।
बुटा आँर अवतार का ये बाग बगीचा ।
देकर अपना लहू बाबा वचन ने सिंचा ।
जब तक है दुनिया दुनिया जिंदा मिशन रहेगा ।
ये औंर बडेगा ......(४)। ।।१।।
ईसको छतींस बर्श् दिये हरदेव गुरूने ।
बढ़े बढ़े है काम किये हरदेव गुरूने
अंबर की बुलंदी पे पहुंचाया ईसने ।
प्यार अमन की खुशबु से महकाया ईसको।
जब तक है दुनिया दुनिया जिंदा मिशन रहेगा ।
ये औंर बडेगा ......(४)। ।।२।।
ये मिशन है सच्चाई के दिवानो का ।
ये मिशन है सभी तपींश्वर बलीदानों का ।
तप और त्याग की बुनिया दोपे मिशन खड़ा हैं ।
इसीलिए तो ये इतना बलवान हुआ हैं ।
जब तक है दुनिया दुनिया जिंदा मिशन रहेगा ।
ये औंर बडेगा ......(४)। ।।४।।
संदगुरु माता जी का भी यही कथन हैं ।
और भी बुलंदी पे ले जाणा ये मिशन हैं ।
एकजुट हो के प्यार से सारे रहना सिखें ।
सदा जगत मे आगे ही हम बढ़ना सिखे ।
जब तक है दुनिया दुनिया जिंदा मिशन रहेगा ।
ये औंर बडेगा ......(४)। ।।५।।
धन निरंकार जी
ये गीत आपको कैसा लगा comments कीजिऐ बिल्कुल free है
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